संघर्ष से सफलता की कहानी- Sangharsh Se Safalta Ki Kahani, Free PDF Download

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जीवन में संघर्ष की सच्ची कहानी

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Sangharsh Se Safalta ki Kahani

बिहार के एक छोटे से गांव में एक लडका रहता था जिसका नाम रोहित था। रोहित का सपना था कि वो अपने गांव के लिए कुछ ऐसा करें जिससे लोगों की जिंदगी बेहतर हो सके। इसके लिए वो अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद गांव में ही रहकर एक एनजीओ शुरू करना चाहता था।

रोहित अपने सपनों को सच करने के लिए बहुत मेहनत करता था। वो हर रोज़ अपने गाँव में लोगों के साथ मिलता था और उनसे उनकी समस्याओं के बारे में बात करता था। रोहित को ये पता चलता था कि उसके गांव में बहुत सारे लोगों की समस्या थी जैसे कि पानी की कमी, स्वच्छता की कमी, बच्चों की पढ़ाई में कमी, और बेरोजगारी की समस्या।

रोहित को लगता था कि उसके गांव में किसी को भी समस्याओं का समाधान ढूंढना मुश्किल है। लेकिन वो हिम्मत नहीं हारा और अपने सपने के लिए काम करना जारी रखा। वो अपने गांवों में लोगों से बात करता है और उन्हें बताता है कि कैसे उन्हें समस्याओं का हल ढूंढ़ना है।

रोहित को पेहले तो गांव के कुछ लोगों ने सहयोग नहीं किया। लेकिन धीरे-धीरे लोगों को उसकी बात समझ में आने लगी और उन्हें लगा कि रोहित के सपनों में सच्चाई है। एक दिन, रोहित के गांव के लोगों ने सभा रखि सभा में सभी लोगों ने मिल कर रोहित के सपनों को सच करने के लिए काम करना फैसला किया।

सभी ने मिल कर कड़ी मेहनत की और बहुत ही कम समय में अपने गांव में पानी की कमी, स्वच्छता की कमी, बच्चों की पढ़ाई में कमी और बेरोजगारी की समस्याओं को दूर करने के लिए काम शुरू किया. सभी लोगों ने मिलकर एक साथ काम किया और समस्याओं का हल ढूंढ निकाला।

रोहित बहुत खुश था कि उसके सपनों को सच करने में लोगों ने साथ दिया। लेकिन अभी भी कुछ समस्याएँ थी जो दूर नहीं हो पाई थी। इसमें से एक समस्या थी कि गांव में बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई ऐसा स्थान नहीं था जहां बच्चे पढ़ सकें। रोहित को पता था कि अगर बच्चे पढाई नहीं करेंगे तो उनकी जिंदगी में आगे बढ़ने में बहुत मुश्किल होगी.

रोहित को इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना था। वो गांव के लोगों से बात करता है और उन्हें बताता है कि बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई स्थान होना बहुत जरूरी है। लेकिन कोई भी जगह बनाने के लिए कोई भी सहयोग नहीं कर रहा था।

लेकिन रोहित हिम्मत नहीं हारा और उसने सोचा कि वो अपने सपनों को पूरा करने के लिए खुद ही एक स्कूल बनाएगा। रोहित ने अपनी जिंदगी के सभी बचत जमा करके स्कूल की शुरुआत की। इससे पहले वो कभी इतने बड़े काम के लिए इतने पैसे नहीं जमा कर पाया था, लेकिन रोहितने अपने सपनों के लिए अपनी जिंदगी की सभी बचत जमा कर दी।

रोहित के साथ काम करने वाले लोगों ने भी उसके साथ मिलकर स्कूल के लिए काम किया। सभी लोगों ने अपनी मेहनत और समय का इस्‍तेमाल करके स्‍कूल की शुरुआत की। रोहित ने बहुत मेहनत की और स्कूल का निर्माण कर लिया।

स्कूल बनने के बाद रोहित को लगा कि अब उनकी अपनी जिंदगी में कोई कमी नहीं है। अब उनके गांव के बच्चे भी पढ़ सकते हैं और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ सकते हैं। रोहित बहुत खुश था कि उसके अपने गांव के लिए कुछ ऐसा किया है जो लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सके।

रोहित ने स्कूल को चलाने के लिए सभी सुविधाओं को प्रदान किया। उसके स्कूल में अच्छे शिक्षकों को रखा, जो बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार थे। रोहित ने स्कूल में स्वच्छता और खाने की सही मात्रा को भी ध्यान में रखा।

स्कूल के शुरू होने के बाद, उसमें बहुत सारे बच्चे आए और अपनी पढ़ाई शुरू की। रोहित बहुत खुश था कि उसके सपनों को सच करने में लोगों ने साथ दिया और अब उनके गांव के बच्चे अपनी पढ़ाई कर सकते हैं।

रोहित को समाज सेवा और सेवा भाव के लिए बहुत सलाम किया जाता है। उसे अपनी जिंदगी में कभी भी हिम्मत नहीं हारी और अपने सपनों के लिए काम करना जारी रखा। रोहित का सपना था कि वो अपने गांव के लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाएं और रोहितने अपने सपनों को सच कर दिया।

आज भी रोहित अपने स्कूल को चलाता रहा है और अपने गांव के बच्चों को पढ़ता है। वो अपने सपनों को सच करने के लिए कभी हरेस नहीं खाइऔर हमेशा समाज सेवा और सेवा भाव के लिए काम करता रहा।

इस कहानी से क्या सीख मिलती है?

इस कहानी से हम सभी को ये सीख मिलती है कि अगर हम अपने सपनो को सच करने के लिए हिम्मत और मेहनत करते हैं, तो हमारी जिंदगी में कोई भी समस्या आने पर भी हम उसका समाधान निकल सकते हैं। हमारी जिंदगी में समाज सेवा और सेवा भाव होना बहुत जरूरी है, क्योंकि इससे हम अपने आस-पास के लोगों की जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं।

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